प्रथम पूजनीय गणेश जी को विनायक, विघ्नेश्वर, गणपति, लंबोदर के नाम से भी जाना जाता हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार किसी भी कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। बुधवार के दिन श्री गणेश की विशेष मंत्रों से पूजा अत्यंत फलदायी मानी गई है। विघ्न और संकटों से बचाकर जीवन के हर सपने व इच्छाओं को पूरा करने वाला माना गया है।
विशेष मंत्रों से श्री गणेश की पूजन करें-
- पूजन शुरू करने से पहले अपने हाथों और पैरों को स्नान या धो लें।
- घर या देवालय में पीले वस्त्र पहन श्री गणेश की पूजा सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत, अबीर, गुलाल, सुंगधित फूल, जनेऊ, सुपारी, पान, मौसमी फल व भोग में लड्डू अर्पित करें।
- पूजा के बाद पीले आसन पर बैठ जाए
- अपने आप को पूरी तरह से भगवान गणेश को समर्पित करें और अपने आप को ब्रह्मांड की सकारात्मकता में खोलें।
- नियमित रूप से कम से कम 48 दिनों के लिए आप जप करें और समर्पण के साथ अपनी रूटीन का पालन करें।
- माला के मोतियों से हर दिन 108 मंत्रों का जाप करें।
गणेश जी की पूजा-साधना के लिए कुछ मंत्र निम्न हैं,
भगवान गणेश जी के मंत्र (Lord Ganesh Mantra in Hindi)
किसी भी कार्य के प्रारंभ में गणेश जी को इस मंत्र से प्रसन्न करना चाहिए:
श्री गणेश मंत्र
ऊँ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।।
om vakratunra mahakaya surya koti samaprabha.
Nirvighnam kuru me deva, sarva karyesu sarvada
Ganesh Mantra for Success in Study:
निम्न मंत्र का जाप करने से गणेश जी बुद्धि प्रदान करते हैं:
श्री गणेश बीज मंत्र
ऊँ गं गणपतये नमः ।।
एक बार जब आप भगवान गणेश को अपना आंतरिक स्वर्ग समर्पित कर लेते हैं, तो आपको लाभ और भगवान गणेश मंत्रों के परिणाम बहुत तेज़ी से प्राप्त होंगे। आप भगवान गणेश मंत्रों को खुशी, धन, अच्छे स्वास्थ्य और शुभकामनाओं के लिए जप कर सकते हैं,